पौधों में पोषण की अवधारणा
परिभाषा: पौधों में पोषण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा पौधे अपना भोजन और ऊर्जा प्राप्त करते हैं। उदाहरण: गेहूं का पौधा प्रकाश-संश्लेषण द्वारा भोजन बनाता है।
- पौधे मुख्यतः स्वपोषी होते हैं, अर्थात् वे अपना भोजन स्वयं बनाते हैं।
- कुछ पौधे परजीवी या कीटभक्षी होते हैं, जो अन्य स्रोतों से पोषण लेते हैं। उदाहरण: कस्कूटा (परजीवी), पिचर प्लांट (कीटभक्षी)।
प्रकाश-संश्लेषण
परिभाषा: प्रकाश-संश्लेषण वह प्रक्रिया है जिसमें हरे पौधे सूर्य के प्रकाश का उपयोग करके कार्बन डाइऑक्साइड और पानी से ग्लूकोज और ऑक्सीजन बनाते हैं। उदाहरण: चावल का पौधा सूर्य की रोशनी में भोजन बनाता है।
प्रकाश-संश्लेषण की प्रक्रिया:
- स्थान: पत्तियों में, विशेष रूप से क्लोरोप्लास्ट में।
- क्लोरोफिल: हरा रंगद्रव्य जो सूर्य का प्रकाश अवशोषित करता है। उदाहरण: पालक की पत्तियों का हरा रंग।
- आवश्यक तत्व: सूर्य का प्रकाश, कार्बन डाइऑक्साइड, पानी।
- उत्पाद: ग्लूकोज (ऊर्जा का स्रोत), ऑक्सीजन (वातावरण में मुक्त)।
- रासायनिक समीकरण: 6CO₂ + 6H₂O + प्रकाश ऊर्जा → C₆H₁₂O₆ + 6O₂।
- रंध्र (stomata): पत्तियों में छोटे छिद्र जो गैसों (CO₂, O₂) के आदान-प्रदान में मदद करते हैं। उदाहरण: पत्ती की सतह पर रंध्र गैस विनिमय करते हैं।
उपयोग:
- ग्लूकोज पौधों को ऊर्जा और वृद्धि के लिए पोषण देता है।
- ऑक्सीजन जीवों के श्वसन के लिए आवश्यक है।
स्वपोषी पौधे
परिभाषा: स्वपोषी पौधे वे हैं जो प्रकाश-संश्लेषण द्वारा अपना भोजन स्वयं बनाते हैं। उदाहरण: गेहूं, चावल, मक्का।
विशेषताएँ:
- इनमें क्लोरोफिल होता है।
- जड़ों द्वारा मिट्टी से पानी और खनिज लवण अवशोषित करते हैं। उदाहरण: मटर की जड़ें नाइट्रोजन अवशोषित करती हैं।
- जाइलम पानी और खनिजों को पत्तियों तक ले जाता है।
- फ्लोएम भोजन (ग्लूकोज) को पौधे के अन्य भागों तक पहुंचाता है।
परजीवी पौधे
परिभाषा: परजीवी पौधे अपने पोषण के लिए मेजबान पौधों पर निर्भर करते हैं। उदाहरण: कस्कूटा (अमरबेल)।
प्रकार:
- पूर्ण परजीवी: जैसे कस्कूटा, जिसमें क्लोरोफिल नहीं होता और यह मेजबान से सारा भोजन लेता है। उदाहरण: कस्कूटा नीम पर लिपटकर पोषक तत्व चूसता है।
- अर्ध-परजीवी: जैसे मिस्टलटो, जो कुछ भोजन स्वयं बनाता है लेकिन पानी और खनिज मेजबान से लेता है। उदाहरण: मिस्टलटो आम के पेड़ पर।
कीटभक्षी पौधे
परिभाषा: कीटभक्षी पौधे कीटों को पकड़कर नाइट्रोजन जैसे पोषक तत्व प्राप्त करते हैं। उदाहरण: पिचर प्लांट, वीनस फ्लाईट्रैप।
विशेषताएँ:
- ये दलदली, नाइट्रोजन-कम मिट्टी में उगते हैं।
- पिचर प्लांट में घट के आकार का पत्ता कीटों को फंसाता है। उदाहरण: मक्खी घट में फंसकर पच जाती है।
- वीनस फ्लाईट्रैप में संशोधित पत्तियाँ कीटों को जाल में फंसाती हैं। उदाहरण: कीट स्पर्श करने पर पत्तियाँ बंद हो जाती हैं।
- कीटों से नाइट्रोजन प्राप्त कर प्रोटीन बनाते हैं।
पौधों में पोषक तत्वों का संचरण
परिभाषा: पौधों में पोषक तत्वों का संचरण जाइलम और फ्लोएम के माध्यम से होता है। उदाहरण: जड़ों से पत्तियों तक पानी का प्रवाह।
प्रक्रिया:
- जाइलम: पानी और खनिज (जैसे नाइट्रोजन, फॉस्फोरस) जड़ों से पत्तियों तक ले जाता है।
- फ्लोएम: ग्लूकोज को पौधे के विभिन्न भागों (जैसे फल, बीज) तक पहुंचाता है।
- जड़ों की रोम (root hairs): पानी और खनिजों का अवशोषण। उदाहरण: मटर की जड़ें मिट्टी से पोटैशियम अवशोषित करती हैं।
सहजीवन और नाइट्रोजन स्थिरीकरण
परिभाषा: सहजीवन वह संबंध है जिसमें पौधे और बैक्टीरिया एक-दूसरे को लाभ पहुंचाते हैं। उदाहरण: मटर और राइजोबियम बैक्टीरिया।
नाइट्रोजन स्थिरीकरण:
- राइजोबियम बैक्टीरिया नाइट्रोजन को पौधों के लिए उपयोगी रूप में बदलते हैं।
- पौधे बैक्टीरिया को भोजन और आवास प्रदान करते हैं। उदाहरण: मटर की जड़ों में राइजोबियम नाइट्रोजन स्थिर करता है।
- नाइट्रोजन प्रोटीन और क्लोरोफिल निर्माण के लिए आवश्यक है।
पौधों में भोजन का संग्रहण और श्वसन
परिभाषा: पौधे भोजन को स्टार्च के रूप में संग्रहित करते हैं। उदाहरण: आलू में स्टार्च संग्रह।
श्वसन:
- रात में पौधे ऑक्सीजन लेकर ग्लूकोज को तोड़कर ऊर्जा प्राप्त करते हैं।
- श्वसन में कार्बन डाइऑक्साइड निकलता है। उदाहरण: रात में पौधे CO₂ छोड़ते हैं।
पौधों का पर्यावरणीय महत्व
- प्रकाश-संश्लेषण पृथ्वी पर ऑक्सीजन का मुख्य स्रोत है।
- पौधे कार्बन डाइऑक्साइड कम कर पर्यावरण शुद्ध करते हैं। उदाहरण: वृक्ष वायु प्रदूषण कम करते हैं।
- पौधों में पोषण पारिस्थितिकी तंत्र का आधार है।