भौतिक परिवर्तन
परिभाषा: भौतिक परिवर्तन में पदार्थ के भौतिक गुणों (जैसे आकार, अवस्था, बनावट) में परिवर्तन होता है, लेकिन इसकी रासायनिक संरचना अपरिवर्तित रहती है। उदाहरण: बर्फ का पिघलना।
- कोई नया पदार्थ नहीं बनता। उदाहरण: पानी को भाप में बदलना।
- सामान्यतः उत्क्रमणीय (reversible) होते हैं। उदाहरण: पानी का जमना और पिघलना।
- पदार्थ की अवस्था, आकार, या आकृति में बदलाव होता है। उदाहरण: कागज को मोड़ना।
- रासायनिक बंधन नहीं टूटते या बनते। उदाहरण: चीनी को पानी में घोलना।
- अणु संरचना में बदलाव नहीं होता। उदाहरण: नमक का पानी में घुलना।
उदाहरण:
- बर्फ का पिघलना: ठोस से द्रव में परिवर्तन।
- पानी का जमना: द्रव से ठोस में परिवर्तन।
- वाष्पीकरण: पानी का भाप बनना।
- पदार्थ को काटना, फाड़ना, या पीसना: जैसे कागज काटना।
- चीनी को पानी में घोलना: घोल को वाष्पित करने पर चीनी वापस मिलती है।
- मोम का पिघलना: मोमबत्ती को गर्म करने पर।
- रबड़ बैंड को खींचना: आकार बदलता है, संरचना नहीं।
- कांच का टूटना: आकार बदलता है, रासायनिक गुण वही रहते हैं।
- बल्ब के फिलामेंट का चमकना: गर्म होने पर चमकता है, संरचना वही।
- रेत और बजरी का मिश्रण: मिश्रण भौतिक है।
- झील से पानी का वाष्पीकरण: द्रव से गैस में परिवर्तन।
- जलवाष्प का संघनन: भाप से बूंदें बनना।
- कपूर का उर्ध्वपातन: ठोस से गैस में परिवर्तन।
- आसवन: पानी को शुद्ध करने की प्रक्रिया।
- धातु की आघट्यता: पतली चादर में पीटना।
- धातु की तन्यता: तार खींचना।
उपयोग:
- पानी का आसवन: शुद्ध पानी प्राप्त करने के लिए।
- चीनी या नमक को घोलना: खाना पकाने में।
- धातु की तन्यता/आघट्यता: तार या बर्तन बनाने में।
- वाष्पीकरण: सुखाने के लिए, जैसे कपड़े सुखाना।
- उर्ध्वपातन: कपूर को शुद्ध करने में।
रासायनिक परिवर्तन
परिभाषा: रासायनिक परिवर्तन में पदार्थ की रासायनिक संरचना बदलती है, जिससे एक या अधिक नए पदार्थ बनते हैं। उदाहरण: कागज का जलना।
- सामान्यतः अनुत्क्रमणीय (irreversible) होते हैं। उदाहरण: जली हुई लकड़ी राख बनती है।
- रासायनिक बंधन टूटते और बनते हैं। उदाहरण: सिरका और बेकिंग सोडा की प्रतिक्रिया।
- ऊर्जा परिवर्तन (गर्मी, प्रकाश) हो सकता है। उदाहरण: दहन में गर्मी।
- रंग, गैस, या अवक्षेप बन सकता है। उदाहरण: जंग लगने पर लाल-भूरा रंग।
उदाहरण:
- कागज का जलना: राख और कार्बन डाइऑक्साइड बनता है।
- लोहे का जंग लगना: ऑक्सीकरण से आयरन ऑक्साइड बनता है।
- भोजन का पकना: रासायनिक संरचना बदलती है।
- पेट में भोजन का पचना: एंजाइम भोजन को तोड़ते हैं।
- लकड़ी का जलना: कार्बन डाइऑक्साइड और राख बनती है।
- सिरका और बेकिंग सोडा: CO₂ गैस बनती है।
- दूध से दही बनना: बैक्टीरिया दूध को बदलते हैं।
- मोमबत्ती का जलना: मोम पिघलना भौतिक, जलना रासायनिक।
- पानी का विद्युत अपघटन: हाइड्रोजन और ऑक्सीजन बनते हैं।
- फल का पकना: रासायनिक परिवर्तन से स्वाद बदलता है।
- चांदी का धूमिल होना: सल्फर से प्रतिक्रिया।
- प्रकाश संश्लेषण: CO₂ और पानी से ग्लूकोज बनता है।
- लोहा और गंधक: आयरन सल्फाइड बनता है।
- केक पकाना: सामग्री की संरचना बदलती है।
- पेट्रोल का जलना: CO₂ और ऊर्जा बनती है।
- अम्ल और क्षार की प्रतिक्रिया: लवण और जल बनता है।
उपयोग:
- प्रकाश संश्लेषण: पौधों में भोजन बनाना।
- दहन: ईंधन से ऊर्जा उत्पादन।
- उदासीनीकरण: एंटासिड में अपच का उपचार।
- दही बनाना: खाद्य प्रसंस्करण में।
- जंग रोधी उपाय: धातुओं की सुरक्षा।
क्रिस्टलीकरण
परिभाषा: क्रिस्टलीकरण एक भौतिक प्रक्रिया है जिसमें किसी पदार्थ का घोल ठंडा होने या विलायक के वाष्पीकरण से नियमित ज्यामितीय आकार के क्रिस्टल बनते हैं। उदाहरण: नमक का क्रिस्टलीकरण।
प्रक्रिया:
- किसी पदार्थ (जैसे नमक, चीनी) को पानी में घोलकर संतृप्त घोल बनाया जाता है।
- घोल को ठंडा करने या विलायक को वाष्पित करने पर क्रिस्टल बनते हैं।
- यह शुद्धिकरण की प्रक्रिया है। उदाहरण: समुद्री जल से नमक प्राप्त करना।
उदाहरण:
- नमक का क्रिस्टलीकरण: समुद्री जल को वाष्पित करने पर नमक के क्रिस्टल।
- चीनी का क्रिस्टलीकरण: गन्ने के रस से चीनी बनाना।
- फिटकरी का क्रिस्टलीकरण: पानी में फिटकरी घोलकर क्रिस्टल बनाना।
उपयोग:
- पदार्थों का शुद्धिकरण: जैसे नमक या चीनी को शुद्ध करना।
- औषधि निर्माण: शुद्ध यौगिक प्राप्त करने में।
- खाद्य उद्योग: चीनी और नमक उत्पादन में।