रेशों से वस्त्र तक

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विस्तृत नोट्स

रेशों की परिभाषा

रेशे: रेशे वे पतले, धागे जैसे पदार्थ हैं जिनसे वस्त्र बनाए जाते हैं।

पादप रेशे: पौधों से प्राप्त होने वाले रेशे पादप रेशे कहलाते हैं। उदाहरण: कपास और जूट।

जंतु रेशे: जंतुओं से प्राप्त होने वाले रेशों को जंतु रेशे कहते हैं। उदाहरण: ऊन और रेशम।

पौधों से प्राप्त रेशे

पादप रेशे पौधों के विभिन्न भागों से प्राप्त किए जाते हैं।

  • कपास: कपास के पौधों के बिनौलों (फल) से रूई प्राप्त होती है। इसका उपयोग सूती वस्त्र, चादर, पर्दे, और कागज बनाने में होता है। उदाहरण: सूती कुर्ता, बेडशीट।
  • जूट: पटसन या सनई के पौधों के तनों से जूट के रेशे प्राप्त होते हैं। इनसे रस्सी, बोरा, और दरी बनाए जाते हैं। उदाहरण: जूट की थैली, गलीचा।

जंतुओं से प्राप्त रेशे

जंतु रेशे जंतुओं के बालों या स्राव से प्राप्त होते हैं।

  • ऊन: भेड़, याक, अंगोरा बकरी, कश्मीरी बकरी, लामा, और ऐल्पेका जैसे जंतुओं के बालों से प्राप्त होती है। उदाहरण: स्वेटर, शॉल।
  • रेशम: रेशमकीट के कोकून से प्राप्त होता है। उदाहरण: रेशमी साड़ी, स्कार्फ।

ऊन प्रदान करने वाले जंतु

विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग जंतुओं से ऊन प्राप्त की जाती है।

  • भेड़: सबसे आम ऊन स्रोत। न्यूजीलैंड की मेरीनो भेड़ें उच्च गुणवत्ता वाली ऊन देती हैं। उदाहरण: मेरीनो स्वेटर।
  • अंगोरा बकरी: जम्मू-कश्मीर में अंगोरा ऊन। उदाहरण: अंगोरा शॉल।
  • कश्मीरी बकरी: पश्मीना ऊन से शॉल। उदाहरण: पश्मीना स्कार्फ।
  • याक: तिब्बत और लद्दाख में याक ऊन। उदाहरण: याक ऊनी कम्बल।
  • लामा और ऐल्पेका: दक्षिण अमेरिका में ऊन। उदाहरण: ऐल्पेका जैकेट।

वर्णात्मक प्रजनन: नस्ली भेड़ों को बेहतर ऊन के लिए चुनने की प्रक्रिया। उदाहरण: मेरीनो भेड़ों का चयन।

ऊन तैयार करने की विधि

भेड़ के बालों को ऊन के धागों में परिवर्तित करने की प्रक्रिया को ऊन का संसाधन कहते हैं। इसके चरण हैं:

  • बालों की कटाई: भेड़ों के बाल काटे जाते हैं। उदाहरण: कैंची से भेड़ की ऊन काटना।
  • अभिमर्जन: ऊन को गंदगी और चर्बी से साफ करना। उदाहरण: पानी और साबुन से धुलाई।
  • छंटाई: खराब रेशों को हटाना। उदाहरण: टूटी ऊन को अलग करना।
  • कताई: रेशों को धागे में बदलना। उदाहरण: चरखे से धागा बनाना।
  • रंगाई: धागों को रंगना। उदाहरण: नीले रंग की ऊन।
  • ऊनी धागा बनाना: धागों को मजबूत करना। उदाहरण: स्वेटर के लिए धागा।

एंथ्रेक्स रोग: बैसिलस एन्थ्रेसिस बैक्टीरिया से होने वाला रोग, जिसे सॉर्टर रोग भी कहते हैं। यह भेड़, बकरी, और मवेशियों में होता है। उदाहरण: भेड़ों में सॉर्टर रोग से मृत्यु।

रेशम

रेशम: एक प्राकृतिक रेशा जो रेशमकीट के कोकून से प्राप्त होता है। इसका आविष्कार चीन में हुआ। उदाहरण: रेशमी साड़ी।

सेरीकल्चर: रेशम प्राप्त करने के लिए रेशमकीटों के पालन का विज्ञान। उदाहरण: कर्नाटक में सेरीकल्चर केंद्र।

चीन विश्व का सर्वाधिक रेशम उत्पादक देश है, और भारत विश्व का लगभग 13% रेशम उत्पादन करता है। उदाहरण: मैसूर में रेशम उत्पादन।

रेशमकीट का जीवन चक्र

रेशमकीट का जीवन चक्र चार अवस्थाओं में होता है:

  • अण्डा: मादा रेशमकीट शहतूत की पत्तियों पर सैकड़ों अण्डे देती है। उदाहरण: शहतूत की पत्तियों पर छोटे अण्डे।
  • लार्वा (इल्ली): अण्डों से सफेद कैटरपिलर निकलते हैं, जो शहतूत, अरण्डी, या ओक की पत्तियाँ खाते हैं। उदाहरण: शहतूत की पत्तियों पर लार्वा।
  • प्यूपा: लार्वा रेशम ग्रन्थि से लसदार पदार्थ स्रावित करता है, जो हवा में सूखकर कोकून बनाता है। उदाहरण: सफेद कोकून।
  • वयस्क कीट: कोकून से रेशमकीट निकलता है और नया जीवन चक्र शुरू करता है। उदाहरण: वयस्क रेशमकीट अण्डे देता है।

रेशम प्राप्त करने की प्रक्रिया

रेशम प्राप्त करने के लिए:

  • कोकून को प्यूपा से वयस्क बनने से पहले उबलते पानी (95°C से 97°C) में 10-15 मिनट डाला जाता है। उदाहरण: उबलते पानी में कोकून डालना।
  • चिपचिपा पदार्थ घुल जाता है, और रेशम के रेशे पृथक हो जाते हैं। उदाहरण: लंबे रेशमी धागे।
  • रेशम की रीलिंग: कोकून से रेशे निकालने की प्रक्रिया। उदाहरण: मशीन से धागा निकालना।
  • एक कोकून से 300 से 900 मीटर धागा और 1 किलो रेशम के लिए 5500 कोकून चाहिए। उदाहरण: साड़ी के लिए हजारों कोकून।
  • लगभग 1% कोकून को वयस्क बनने के लिए छोड़ दिया जाता है। उदाहरण: नए अण्डों के लिए कोकून।

रेशम के प्रकार: शहतूत रेशम, टसर, मूंगा, कोसा, एरी रेशम। उदाहरण: टसर रेशम से बनी साड़ी।

दैनिक जीवन में जंतु रेशों की उपयोगिता और महत्व

जंतु रेशे (ऊन और रेशम) दैनिक जीवन में महत्वपूर्ण हैं:

  • ऊन: स्वेटर, शॉल, कम्बल, लोई, टोपी, जैकेट बनाए जाते हैं। उदाहरण: सर्दियों में ऊनी स्वेटर।
  • ऊन का महत्व: ऊनी रेशों के बीच वायु ऊष्मा की कुचालक की तरह कार्य करती है, जिससे शरीर गर्म रहता है। उदाहरण: पश्मीना शॉल सर्दी में गर्मी देती है।
  • रेशम: रेशमी वस्त्र, साड़ी, स्कार्फ बनाए जाते हैं। उदाहरण: शादी में रेशमी साड़ी।
  • रेशम का महत्व: हल्का, चमकदार, और टिकाऊ होने के कारण विशेष अवसरों पर उपयोगी। उदाहरण: रेशमी स्कार्फ का फैशन।

सारांश (एक पंक्ति के तथ्य)

  1. रेशे पतले, धागे जैसे पदार्थ हैं जिनसे वस्त्र बनते हैं।
  2. पादप रेशे पौधों से प्राप्त होते हैं।
  3. कपास के बिनौलों से रूई प्राप्त होती है।
  4. जूट पटसन या सनई के तनों से मिलता है।
  5. कपास से सूती वस्त्र, चादर, और पर्दे बनते हैं।
  6. जूट से रस्सी, बोरा, और दरी बनती है।
  7. जंतु रेशे जंतुओं से प्राप्त होते हैं।
  8. ऊन और रेशम प्रमुख जंतु रेशे हैं।
  9. ऊन भेड़, याक, और बकरी के बालों से मिलती है।
  10. रेशम रेशमकीट के कोकून से प्राप्त होता है।
  11. ऊन से स्वेटर और गर्म कपड़े बनते हैं।
  12. रेशम से रेशमी वस्त्र बनाए जाते हैं।
  13. अंगोरा बकरी जम्मू-कश्मीर में अंगोरा ऊन देती है।
  14. कश्मीरी बकरी से पश्मीना शॉल बनती है।
  15. याक का ऊन तिब्बत और लद्दाख में प्रचलित है।
  16. लामा और ऐल्पेका दक्षिण अमेरिका में ऊन देते हैं।
  17. वर्णात्मक प्रजनन नस्ली भेड़ों का चयन है।
  18. ऊन संसाधन में बालों की कटाई पहला चरण है।
  19. अभिमर्जन में ऊन को गंदगी से साफ किया जाता है।
  20. छंटाई में खराब रेशे हटाए जाते हैं।
  21. कताई में रेशों को धागे में बदला जाता है।
  22. रंगाई में ऊनी धागों को रंगा जाता है।
  23. मेरीनो भेड़ें उच्च गुणवत्ता वाली ऊन देती हैं।
  24. भारत विश्व में भेड़ों की संख्या में तीसरे स्थान पर है।
  25. एंथ्रेक्स रोग बैसिलस एन्थ्रेसिस से होता है।
  26. सॉर्टर रोग एंथ्रेक्स का दूसरा नाम है।
  27. रेशम एक प्राकृतिक रेशा है।
  28. रेशम का आविष्कार चीन में हुआ।
  29. चीन विश्व का सर्वाधिक रेशम उत्पादक देश है।
  30. भारत विश्व का 13% रेशम उत्पादन करता है।
  31. रेशमकीट शहतूत, अरण्डी, और ओक पर पाले जाते हैं।
  32. मादा रेशमकीट सैकड़ों अण्डे देती है।
  33. लार्वा शहतूत की पत्तियाँ खाते हैं।
  34. रेशम ग्रन्थि लसदार पदार्थ स्रावित करती है।
  35. लार्वा कोकून बनाता है।
  36. प्यूपा कोकून में वयस्क कीट बनता है।
  37. सेरीकल्चर रेशमकीट पालन का विज्ञान है।
  38. मैसूर और बंगलुरु भारत के प्रमुख सेरीकल्चर केंद्र हैं।
  39. कोकून को 95°C से 97°C में उबाला जाता है।
  40. रेशम की रीलिंग कोकून से रेशे निकालने की प्रक्रिया है।
  41. शहतूत रेशम सबसे प्रचलित रेशम है।
  42. टसर, मूंगा, कोसा, और एरी रेशम के प्रकार हैं।
  43. एक कोकून से 300 से 900 मीटर धागा मिलता है।
  44. 1 किलो रेशम के लिए 5500 कोकून चाहिए।
  45. 1% कोकून को वयस्क बनने के लिए छोड़ा जाता है।
  46. ऊन से कम्बल, लोई, और टोपी बनती है।
  47. ऊनी रेशे वायु को ऊष्मा कुचालक बनाते हैं।
  48. रेशम हल्का और चमकदार होता है।
  49. ऊन सर्दियों में शरीर को गर्म रखती है।
  50. रेशम विशेष अवसरों के लिए उपयोगी है।

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. पादप रेशे क्या हैं?





2. कपास के रेशों से क्या बनता है?





3. जूट के रेशों से क्या बनता है?





4. जंतु रेशे क्या हैं?





5. ऊन का प्रमुख स्रोत क्या है?





6. रेशम का स्रोत क्या है?





7. अंगोरा ऊन कहाँ से प्राप्त होती है?





8. पश्मीना शॉल किससे बनती है?





9. याक का ऊन कहाँ प्रचलित है?





10. वर्णात्मक प्रजनन क्या है?





11. ऊन संसाधन का पहला चरण क्या है?





12. अभिमर्जन में क्या किया जाता है?





13. उच्च गुणवत्ता वाली ऊन कौन सी भेड़ देती है?





14. भेड़ों की संख्या में भारत का विश्व में कौन सा स्थान है?





15. एंथ्रेक्स रोग का कारण क्या है?





16. सॉर्टर रोग का दूसरा नाम क्या है?





17. रेशम का आविष्कार कहाँ हुआ?





18. विश्व का सर्वाधिक रेशम उत्पादक देश कौन सा है?





19. भारत का प्रमुख सेरीकल्चर केंद्र कहाँ है?





20. रेशमकीट का जीवन चक्र कितनी अवस्थाओं में होता है?





21. रेशमकीट के अण्डे कहाँ चिपके होते हैं?





22. रेशम ग्रन्थि क्या स्रावित करती है?





23. कोकून क्या है?





24. सेरीकल्चर क्या है?





25. रेशम की रीलिंग क्या है?





26. सबसे प्रचलित रेशम कौन सा है?





27. एक कोकून से कितना रेशमी धागा मिलता है?





28. 1 किलो रेशम के लिए कितने कोकून चाहिए?





29. ऊन का उपयोग किसके लिए होता है?





30. ऊनी रेशों का महत्व क्या है?