नाभिकीय भौतिकी (Nuclear Physics)
- नाभिक परमाणु का केंद्रीय भाग है जिसमें प्रोटॉन और न्यूट्रॉन होते हैं। (UPSC 2017)
- प्रोटॉन धनात्मक आवेशित कण है। (SSC CGL 2018)
- न्यूट्रॉन आवेश रहित कण है। (UPPCS 2016)
- नाभिकीय विखंडन भारी नाभिक का दो छोटे नाभिकों में टूटना है। (BPSC 2018)
- नाभिकीय संलयन दो हल्के नाभिकों का एक भारी नाभिक में मिलना है। (MP PCS 2019)
- नाभिकीय विखंडन ऊर्जा का स्रोत परमाणु बम में है। (Railway NTPC 2019)
- नाभिकीय संलयन सूर्य में ऊर्जा का स्रोत है। (SSC CHSL 2019)
- रेडियोसक्रियता नाभिक का स्वतः क्षय होना है। (UPPCS 2017)
- अल्फा कण हीलियम नाभिक होते हैं। (BPSC 2017)
- बीटा कण इलेक्ट्रॉन या पॉजिट्रॉन होते हैं। (MP PCS 2018)
- गामा किरणें उच्च ऊर्जा वाली विद्युत चुम्बकीय तरंगें हैं। (Chhattisgarh PCS 2018)
- रेडियोसक्रिय क्षय की दर अर्ध-आयु से मापी जाती है। (UPSC 2018)
- अर्ध-आयु वह समय है जिसमें रेडियोसक्रिय पदार्थ आधा क्षय करता है। (SSC CPO 2019)
- यूरेनियम-235 नाभिकीय विखंडन में उपयोग होता है। (UPPCS 2018)
- प्लूटोनियम-239 भी नाभिकीय विखंडन में उपयोगी है। (Uttarakhand PCS 2016)
- हाइड्रोजन बम नाभिकीय संलयन पर आधारित है। (SSC CGL 2017)
- नाभिकीय रिएक्टर में श्रृंखला अभिक्रिया नियंत्रित होती है। (UPPCS 2015)
- न्यूट्रॉन नाभिकीय विखंडन को प्रेरित करते हैं। (BPSC 2018)
- रेडियोसक्रियता की खोज हेनरी बेकरेल ने की थी। (MP PCS 2017)
- नाभिकीय ऊर्जा द्रव्यमान-ऊर्जा समीकरण E=mc² पर आधारित है। (UPSC 2019)
- नाभिकीय बंधन ऊर्जा नाभिक को एक साथ रखती है। (SSC CHSL 2018)
- प्रोटॉन और न्यूट्रॉन को न्यूक्लियॉन कहते हैं। (UPPCS 2019)
- रेडियोसक्रिय क्षय तीन प्रकार का होता है: अल्फा, बीटा, गामा। (BPSC 2019)
- अल्फा कणों का द्रव्यमान सबसे अधिक होता है। (UPSC 2020)
- गामा किरणों की भेदन क्षमता सबसे अधिक होती है। (Railway Group D 2018)
- बीटा कणों की भेदन क्षमता मध्यम होती है। (SSC CPO 2018)
- नाभिकीय रिएक्टर में मंदक न्यूट्रॉनों की गति कम करता है। (MP PCS 2019)
- भारी जल (D₂O) नाभिकीय रिएक्टर में मंदक के रूप में उपयोग होता है। (UPPCS 2016)
- ग्रेफाइट भी नाभिकीय रिएक्टर में मंदक के रूप में उपयोगी है। (BPSC 2018)
- नियंत्रण छड़ें नाभिकीय रिएक्टर में न्यूट्रॉनों को अवशोषित करती हैं। (UPSC 2017)
- कैडमियम और बोरॉन नियंत्रण छड़ों में उपयोग होते हैं। (SSC CGL 2019)
- नाभिकीय विखंडन में न्यूट्रॉन की बमबारी होती है। (UPPCS 2017)
- नाभिकीय संलयन में उच्च तापमान और दाब आवश्यक है। (BPSC 2018)
- रेडियोसक्रिय पदार्थ का उपयोग कैंसर उपचार में होता है। (SSC CHSL 2019)
- रेडियोसक्रियता की इकाई बेकरेल (Bq) है। (MP PCS 2018)
- क्यूरी (Ci) भी रेडियोसक्रियता की इकाई है। (UPSC 2018)
- नाभिकीय विखंडन में ऊर्जा द्रव्यमान हानि से उत्पन्न होती है। (SSC CPO 2019)
- नाभिकीय संलयन सूर्य और तारों में ऊर्जा का स्रोत है। (UPPCS 2018)
- रेडियोसक्रिय क्षय की दर स्थिर रहती है। (Railway NTPC 2019)
- अल्फा कणों का आवेश +2 होता है। (BPSC 2019)
- बीटा कणों का आवेश -1 या +1 हो सकता है। (SSC CGL 2018)
- गामा किरणें आवेश रहित होती हैं। (UPPCS 2016)
- नाभिकीय रिएक्टर में ऊष्मा विद्युत उत्पादन के लिए उपयोग होती है। (MP PCS 2017)
- नाभिकीय विखंडन में न्यूट्रॉन की श्रृंखला अभिक्रिया होती है। (UPSC 2019)
- नाभिकीय संलयन में हाइड्रोजन समस्थानिक उपयोग होते हैं। (SSC CHSL 2018)
- रेडियोसक्रिय पदार्थ का उपयोग कार्बन डेटिंग में होता है। (UPPCS 2019)
- कार्बन-14 का उपयोग पुरातात्विक डेटिंग में होता है। (BPSC 2018)
- नाभिकीय विखंडन में भारी मात्रा में ऊर्जा निकलती है। (SSC CPO 2018)
- नाभिकीय संलयन में हल्के नाभिकों का संयोजन होता है। (MP PCS 2019)
- रेडियोसक्रियता पर्यावरण के लिए हानिकारक हो सकती है। (UPSC 2017)
- नाभिकीय रिएक्टर में शीतलक ऊष्मा को हटाता है। (SSC CGL 2019)
- पानी और भारी जल नाभिकीय रिएक्टर में शीतलक हैं। (UPPCS 2017)
- नाभिकीय विखंडन में न्यूट्रॉन की संख्या बढ़ती है। (BPSC 2018)
- नाभिकीय संलयन में ड्यूटेरियम और ट्रिटियम उपयोग होते हैं। (SSC CHSL 2019)
- रेडियोसक्रिय क्षय की दर बाह्य कारकों से प्रभावित नहीं होती। (MP PCS 2018)
- अल्फा कणों की भेदन क्षमता सबसे कम होती है। (UPSC 2018)
- गामा किरणें मोटी धातु से रोकी जा सकती हैं। (SSC CPO 2019)
- नाभिकीय रिएक्टर में ऊर्जा नियंत्रित रूप से उत्पन्न होती है। (UPPCS 2018)
- नाभिकीय विखंडन में बेरियम और क्रिप्टॉन जैसे तत्व बनते हैं। (Railway NTPC 2019)
- नाभिकीय संलयन में हीलियम का निर्माण होता है। (BPSC 2019)
- रेडियोसक्रिय पदार्थ का उपयोग चिकित्सा में होता है। (SSC CGL 2018)
- नाभिकीय ऊर्जा का उपयोग विद्युत उत्पादन में होता है। (UPPCS 2016)
- नाभिकीय विखंडन में न्यूट्रॉन की बमबारी आवश्यक है। (MP PCS 2017)
- नाभिकीय संलयन सूर्य की ऊर्जा का स्रोत है। (UPSC 2019)
- रेडियोसक्रियता की खोज 1896 में हुई थी। (SSC CHSL 2018)
- नाभिकीय बंधन ऊर्जा प्रोटॉन और न्यूट्रॉन को बांधती है। (UPPCS 2019)
- अल्फा कणों का द्रव्यमान 4 u होता है। (BPSC 2018)
- बीटा कणों का द्रव्यमान इलेक्ट्रॉन के बराबर होता है। (SSC CPO 2018)
- गामा किरणें द्रव्यमान रहित होती हैं। (MP PCS 2019)
- नाभिकीय रिएक्टर में मंदक न्यूट्रॉनों की गति नियंत्रित करता है। (UPSC 2017)
- नाभिकीय विखंडन में ऊर्जा का उत्पादन द्रव्यमान हानि से होता है। (SSC CGL 2019)
- नाभिकीय संलयन में उच्च तापमान आवश्यक है। (UPPCS 2017)
- रेडियोसक्रिय पदार्थ का उपयोग डेटिंग में होता है। (BPSC 2018)
- नाभिकीय रिएक्टर में शीतलक ऊष्मा को हटाता है। (SSC CHSL 2019)
- नाभिकीय विखंडन में न्यूट्रॉन की श्रृंखला अभिक्रिया होती है। (MP PCS 2018)
- नाभिकीय संलयन में ड्यूटेरियम और ट्रिटियम उपयोगी हैं। (UPSC 2018)
- रेडियोसक्रिय क्षय की दर स्थिर रहती है। (SSC CPO 2019)
- अल्फा कणों का आवेश +2 होता है। (UPPCS 2018)
- बीटा कणों का आवेश -1 या +1 हो सकता है। (Railway NTPC 2019)
- गामा किरणें आवेश रहित होती हैं। (BPSC 2019)
- नाभिकीय रिएक्टर में ऊष्मा विद्युत उत्पादन के लिए उपयोग होती है। (SSC CGL 2018)
- नाभिकीय विखंडन में न्यूट्रॉन की संख्या बढ़ती है। (UPPCS 2016)
- नाभिकीय संलयन में हीलियम का निर्माण होता है। (MP PCS 2017)
- रेडियोसक्रिय पदार्थ का उपयोग चिकित्सा में होता है। (UPSC 2019)
- नाभिकीय ऊर्जा का उपयोग विद्युत उत्पादन में होता है। (SSC CHSL 2018)
- नाभिकीय विखंडन में न्यूट्रॉन की बमबारी आवश्यक है। (UPPCS 2019)
- नाभिकीय संलयन सूर्य की ऊर्जा का स्रोत है। (BPSC 2018)
- रेडियोसक्रियता की खोज 1896 में हुई थी। (SSC CPO 2018)
- नाभिकीय बंधन ऊर्जा प्रोटॉन और न्यूट्रॉन को बांधती है। (MP PCS 2019)
- अल्फा कणों का द्रव्यमान 4 u होता है। (UPSC 2017)
- बीटा कणों का द्रव्यमान इलेक्ट्रॉन के बराबर होता है। (SSC CGL 2019)
- गामा किरणें द्रव्यमान रहित होती हैं। (UPPCS 2017)
- नाभिकीय रिएक्टर में मंदक न्यूट्रॉनों की गति नियंत्रित करता है। (BPSC 2018)
- नाभिकीय विखंडन में ऊर्जा का उत्पादन द्रव्यमान हानि से होता है। (SSC CHSL 2019)
- नाभिकीय संलयन में उच्च तापमान आवश्यक है। (MP PCS 2018)
- रेडियोसक्रिय पदार्थ का उपयोग डेटिंग में होता है। (UPSC 2018)
- नाभिकीय रिएक्टर में शीतलक ऊष्मा को हटाता है। (SSC CPO 2019)
- नाभिकीय विखंडन में न्यूट्रॉन की श्रृंखला अभिक्रिया होती है। (UPPCS 2018)
- नाभिकीय संलयन में ड्यूटेरियम और ट्रिटियम उपयोगी हैं। (Railway NTPC 2019)